भारत माता मंदिर कहां है ?

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भारत माता मंदिर कहाँ है?

भारत माता मंदिर उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में स्थित है. यह मंदिर भारत माता को समर्पित है. यह मंदिर 1936 में बनकर तैयार हुआ था और इसका निर्माण डॉ. शिव प्रसाद गुप्त ने करवाया था. मंदिर में भारत माता की एक विशाल मूर्ति है, जो संगमरमर से बनी हुई है. मंदिर का निर्माण भारतीय वास्तुकला शैली में किया गया है. मंदिर परिसर में एक संग्रहालय भी है, जिसमें भारत के स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित वस्तुएं रखी गई हैं. मंदिर एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है. यह मंदिर हर साल लाखों लोगों की यात्रा का केंद्र होता है.

भारत माता मंदिर का इतिहास

भारत माता

डॉ. शिव प्रसाद गुप्त एक स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक थे. उन्होंने भारत माता मंदिर का निर्माण भारत माता के प्रति अपनी श्रद्धा और देशभक्ति के प्रतीक के रूप में करवाया था. मंदिर का निर्माण 1936 में शुरू हुआ और 1938 में पूरा हुआ. मंदिर का उद्घाटन महात्मा गांधी ने किया था.

भारत माता मंदिर का वास्तुकला

भारत माता मंदिर का निर्माण भारतीय वास्तुकला शैली में किया गया है. मंदिर की दीवारें लाल पत्थर से बनी हुई हैं और छत सफेद संगमरमर से बनी हुई है. मंदिर के मुख्य द्वार पर भारत माता की एक विशाल मूर्ति है, जो संगमरमर से बनी हुई है. मंदिर के अंदर एक संग्रहालय भी है, जिसमें भारत के स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित वस्तुएं रखी गई हैं.

भारत माता मंदिर का महत्व

यदि आप वाराणसी घूमने जा रहे हैं, तो भारत माता मंदिर अवश्य देखें. यह मंदिर एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है और यह आपको भारत के इतिहास और संस्कृति से अवगत कराएगा.

भारत माता मंदिर के दर्शन का समय

भारत माता मंदिर सुबह 6 बजे से शाम 8 बजे तक खुला रहता है. मंदिर में दर्शन करने के लिए कोई शुल्क नहीं है.

भारत माता मंदिर के आसपास के अन्य दर्शनीय स्थल

भारत माता मंदिर के आसपास कई अन्य दर्शनीय स्थल हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • काशी विश्वनाथ मंदिर
  • गंगा घाट
  • सारनाथ
  • वाराणसी संग्रहालय
  • अक्षरधाम मंदिर

भारत माता मंदिर की यात्रा के लिए कुछ सुझाव

  • भारत माता मंदिर की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच है. इस समय मौसम सुखद रहता है और दर्शन करने में कोई परेशानी नहीं होती है.
  • मंदिर में दर्शन करने के लिए साधारण कपड़े पहनें.
  • मंदिर में जूते उतारकर जाएं.
  • मंदिर में धूम्रपान और नशा करना वर्जित है.
  • मंदिर में दर्शन करने के बाद आप मंदिर परिसर में घूम सकते हैं और अन्य दर्शनीय स्थलों को देख सकते हैं.

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